लोक साहित्य
लोक एवं जनजातीय संसार, सामयिक मुद़दो और मित्रों से विचार विमर्श का एक अनौपचारिक प्रयास
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गुरुवार, 10 अक्तूबर 2013
लोक साहित्य- धर्मेन्द्र पारे: जनजातीय भाषाओं ज्ञान विज्ञान
लोक साहित्य- धर्मेन्द्र पारे: जनजातीय भाषाओं ज्ञान विज्ञान
: जनजातीय भाषाओं ज्ञान विज्ञान हमारे देश में प्राय: मातृभाषाओं में शिक्षा प्रशिक्षा की बात होती है। जब हम मातृभाषाओं की बात करते हैं त...
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