शुक्रवार, 30 अक्तूबर 2009

भुआणा अंचल का मंडप गीत

सरग भवन्‍ि‍त हो गीधनी
एक संदेशो लई जाव
सरग का दाजी ख यो कयजो
तुम घर छोरी को याव
जेम सऱअ ओमअ सारजोहो
हमारो तो आवणो नी होय
जडी दि‍या बज्‍जर कि‍वाड
अग्‍गल झडी लुहा की

भुआणा और नि‍माड अंचल में वैवाहि‍क मंडप में यह गीत गाया जाता है । इस गीत में दि‍वंगत परि‍जनों को स्‍मरण कर कहा गया है कि‍ ओ स्‍वर्ग तक उडान भरने वाली गीधनी तुम हमारा एक संदेश हमारे पुरखों तक ले जाओ और उनसे कहना कि‍ तुम्‍हारे घर बेटी का वि‍वाह है । तुम्‍हें आना है । गीधनी के माध्‍यम से ही उत्‍तर आता है कि‍ जैसे भी संभव हो इस वि‍वाह को सम्‍पन्‍न करो हमारा अब आना कहॉ मुमि‍कन है ।